आज की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का हर तरफ दबदबा है। और ये कमाल की टेक्नोलॉजी बन गई है। AI अपना हर जगह असर दिखा रहा है चाहे वो अस्पताल हो, स्कूल हो, पैसे का काम हो, गाड़ियां हो, व्यापार हो या सुरक्षा हो। लेकिन जब इतनी बड़ी चीज इतने बड़े स्तर पर उपयोग होती है, तो सही-गलत (नैतिकता) को लेकर कुछ मुश्किलें भी सामने आती है। इसी समस्या को हल करने के लिए AI एथिक्स (AI नैतिकता) बनी है। यह एक तरह के नियमों और कायदों का संग्रह है जो यह पक्का करता है कि हम AI का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ करें, सबको को सब कुछ पता हो और इसमें इंसानों का ही फायदा हो। क्योंकि AI हमारे कई जरूरी फैसलों पर असर डालने लगा है, इसलिए यह बहुत जरूरी हो गया है कि हम यह तय करे कि AI कहा तक जा सकता है, इसकी जिम्मेदारी क्या होगी, और इसे सुरक्षित कैसे रखा जाएगा।
डेटा गोपनीय, सुरक्षा और पक्षपात की चुनौतियाँ
देखिए, AI मशीनों को काम करने के लिए अधिक मात्रा में डेटा चाहिए होता है, और इसमें हमारी निजी बातें शामिल होती हैं। अगर यह डेटा सुरक्षित नहीं रहा, तो इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है। इसीलिए, हमारी जानकारी को छुपाकर रखना (डेटा गोपनीय) और इंटरनेट पर उसे बचाना (साइबर सुरक्षा) AI की नैतिकता के लिए बहुत जरूरी है।
रोजगार, समाज और जिम्मेदारी की भूमिका
AI की वजह से ऑटोमेशन बहुत ज्यादा बढ़ रहा है, जिसका मतलब्ध है कि कई नौकरियाँ खतरे में आ सकती हैं। बिल्कुल यह बात सत्य है कि नई टेक्नोलॉजी वाली नौकरियाँ भी बन रही हैं लेकिन लोगो के लिए यह बहुत जरूरी हो गया है कि वे नए हुनर को सीखे और बदलते बख्त के हिसाब से खुद को तैयार करें। समाज के लिए यह एक बड़ा और अच्छा बदलाब है। इसके अलावा, एक और बड़ा और महत्पूर्ण सवाल है कि अगर AI सिस्टम कोई गलती करता है या किसी को नुकसान पूछता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? जिसने उसे बनाया (Developer), जिसने उसे इस्तेमाल किया (संस्था) या हम खुद (User’s) इस सवाल का साफ जवाब चाहिए, जिसके लिए हमें पक्के नियम और कानून बनाने होंगे, ताकि AI का इस्तेमाल सुरक्षित और जिम्मेदारी के साथ हो सकते और किसी को हानि नहीं हो।
AI एथिक्स का आध्यात्मिक आधार
संत रामपाल जी महाराज जी अपने सत्संगों में यह स्पष्ट करते हैं कि AI जैसी आधुनिक तकनीकें, हालांकि भौतिक रूप से चमत्कारिक हैं, लेकिन ये केवल काल (ब्रह्म) के लोक की अस्थायी सुख-सुविधाएं हैं, और इनसे उत्पन्न होने वाली समस्याएँ (जैसे डेटा का गलत इस्तेमाल या भेदभाव) भी अस्थायी हैं, क्योंकि इनकी जड़ मनुष्य के अंदर की अपूर्णता और माया का प्रभाव है। AI बनाने वाला मनुष्य तभी पूर्ण रूप से ज़िम्मेदार, निष्पक्ष और पारदर्शी बन सकता है, जब वह कबीर साहेब जी द्वारा दिए गए पूर्ण तत्वज्ञान को अपनाकर सतभक्ति करेगा। केवल नियम-कानून बनाने से AI एथिक्स की समस्या हल नहीं होगी; बल्कि मनुष्य के आध्यात्मिक उत्थान से ही उसके अंदर सच्ची नैतिकता आएगी। जैसा कि कबीर साहेब की वाणी में है कि मन को ठिकाने लगाने के लिए सतगुरु के ज्ञान की आवश्यकता होती है, ठीक वैसे ही, AI को मानव कल्याण में लगाने के लिए मनुष्य का आत्म-कल्याण ज़रूरी है, और यही सभी समस्याओं का एकमात्र स्थायी समाधान है। अधिक जानकारी के लिए “Sant Rampal Ji Maharaj App” प्ले स्टोर/ऐप स्टोर से डाउनलोड करें।

