“असम के राॅकस्टार” के नाम से मशहूर सिंगर जुबीन गर्ग की 52 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। शुक्रवार, 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में इनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई। जुबीन गर्ग सिंगापुर में नाॅर्थ ईस्ट फेस्टिवल मानाने गए थे इसके बाद स्कूबा डाइविंग के दौरान इनकी मृत्यु हो गई। इन्होंने अपनी गायक और संगीतकला के माध्यम से फिल्म इंडस्ट्री में योगदान दिया। साथ ही उन्होंने साल 2006 में “गैंगस्टर” गानें और “या अली” से देश-भर में अपनी लोकप्रियता हासिल की। जुबीन गर्ग का संगीतकला के अतिरिक्त समाज सुधार में भी काफ़ी योगदान है।
जुबीन गर्ग से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु :-
- जुबीन गर्ग का जन्म 18 नवंबर 1972 को हुआ जो एक प्रसिद्ध और सफल गायक और संगीतकार थें।
- 19 सितंबर को स्कूबा डाइविंग के दौरान 52 वर्षीय जुबीन गर्ग की आकस्मिक मृत्यु ने फिल्म इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है।
- फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर सिंगर जुबीन गर्ग ने सुपर हीट “गैंगस्टर” गाना और “या अली” से देश-भर में अपनी पहचान बनाई।
- असली जीवन रक्षक कबीर परमात्मा हैं जो जीव की मृत्यु को टालकर सौ वर्ष तक कर देता हैं।
जुबीन गर्ग का जीवन
संगीत के प्रसिद्ध गायकार जुबीन गर्ग का जन्म 18 नवंबर 1972 को तुरा, मेघालय में हुआ। ये बचपन से ही संगीत के शौक़ीन थें। जिसके चलते इन्होंने अपना पहला गाना 13 वर्ष की उम्र में “गाने की आने” लिखा। इन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी संगीतकला से अमिट छाप छोड़ी है। जिस कारण से इनको असमिया,बंगाली और हिन्दी भाषाओं में संगीत के क्षेत्र में बहुत बड़ी सफलता प्राप्त हुई। इनके फिल्म “गैंगस्टर” और “या अली” के गानों से इन्हें बहुत बड़ी लोकप्रियता प्राप्त हुई। इसके बाद इन्हें देश में एक अद्भुत पहचान मिली। इन्होंने अपनी संगीतकला के साथ-साथ असम की संस्कृति और सामाजिक कार्यों में अपना योगदान दिया।
जुबीन गर्ग की मौत की वजह
असम के मशहूर सिंगर जुबीन गर्ग जो अपनी संगीत कला और सामाजिक कार्यों से प्रसिद्ध थें। हालही में इनकी सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान आकस्मिक मृत्यु हो गई। बताया जा रहा है कि जुबीन गर्ग नाॅर्थ ईस्ट फेस्टिवल में भाग लेने सिंगापुर गए थे, जहां हिस्सा लेने के बाद 19 सितंबर 2025 , शुक्रवार को स्कूबा डाइविंग के चलते इनकी दर्दनाक मृत्यु हो गई। इसके बाद पुलिस की सहायता से इन्हें समुद्र से निकालकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
लेकिन इलाज के दौरान अत्यधिक गंभीर स्थिति होने के कारण इनकी जिंदगी नहीं बचाई जा सकीं। 52 वर्षीय जुबीन गर्ग की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा हैं।
फिल्म इंडस्ट्री में योगदान
असम के लोकप्रिय गायक और संगीतकार जुबीन गर्ग ने अपनी संगीत की अद्भुत कला से फिल्म इंडस्ट्री में बहुत नाम कमाया है। देशभर में इनके द्वारा साल 2006 में गाये गए प्रसिद्ध फिल्म “गैंगस्टर” के गानें और “या अली” ने इन्हें फिल्म इंडस्ट्री के क्षेत्र में बहुत बड़ी ख्याति प्राप्त करायीं। जिसके पश्चात इन्होंने पुरे भारत में अपनी लोकप्रियता स्थापित की। इसके अतिरिक्त उन्होंने ‘दिल तू ही बता’ (कृष3) और ‘जाने क्या चाहे मन बावरा ‘ (प्यार के साइड इफेक्ट्स) जैसे अनेकों सुपर हिट गानें गाए। असमिया के संगीत जगत में भी इन्होंने अपनी संगीतकला से अमिट प्रभाव डाला जिसके पश्चात इनको “असम के राॅकस्टार” के नाम से जाना जाने लगा।
जानें कौन है जीवन का असली रक्षक
परमात्मा कबीर साहेब जी ही वह जीवन रक्षक परमात्मा हैं जो अपने साधक की आकस्मिक मृत्यु को टालकर सौ वर्ष की आयु कर देता हैं। जिसका प्रमाण हमारे पवित्र शास्त्र ऋग्वेद मंडल 10 सुक्त 161 मंत्र 2 में मिलता हैं। उस परमात्मा की भक्ति पूर्ण संत के द्वारा दी गई शास्त्र अनुकूल साधना करने से ही संभव हैं।
जो आज़ पूरे विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही दें रहें हैं जो वेदों अनुसार सतभक्ति बताते हैं। जिससे साधक को पूर्ण परमात्मा से मिलने वाले लाभ प्राप्त होते हैं। अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें पुस्तक “ज्ञान गंगा”।